विद्यालय का परिचय
वर्ष 2017 में स्थापित, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, भोरिंग छत्तीसगढ़ राज्य के महासमुन्द ज़िले के ग्रामीण क्षेत्र में स्थित है। यह विद्यालय महासमुन्द ब्लॉक के अंतर्गत आता है तथा इसका पिनकोड 493445 है।
विद्यालय कक्षा 6वीं से 12वीं तक की माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षा प्रदान करता है। इसका संचालन आदिवासी विकास विभाग / समाज कल्याण विभाग द्वारा किया जाता है। यहां हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों माध्यमों में शिक्षा उपलब्ध है, और यह एक सह-शैक्षणिक (co-educational) संस्थान है।
वर्तमान में विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री महेंद्र कुमार टंडन हैं। यह विद्यालय केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से संबद्ध है और राष्ट्रीय स्तर की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए संकल्पित है।
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उद्देश्य (Objective)
EMRS (एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय) का उद्देश्य आदिवासी बच्चों को गुणवत्ता-पूर्ण शिक्षा प्रदान करना है, ताकि वे सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें। हमारा लक्ष्य एक ऐसी जागरूक पीढ़ी तैयार करना है जो अपने अधिकारों को समझे, आत्मनिर्भर बने, और देश के विकास में सक्रिय भूमिका निभा सके।
हमारी दृष्टि है कि प्रत्येक छात्र को अपने सपनों को साकार करने के लिए उचित अवसर और मार्गदर्शन प्राप्त हो, ताकि वह अपनी पूर्ण क्षमता को प्राप्त कर सके।
मिशन (Mission)
- शिक्षा की गुणवत्ता: आदिवासी छात्रों को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करना, जिससे वे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें।
- व्यक्तिगत विकास: विद्यार्थियों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास के लिए ऐसा वातावरण प्रदान करना जो आत्मविश्वास और प्रेरणा को बढ़ावा दे।
- सांस्कृतिक जागरूकता: अपनी सांस्कृतिक विरासत के प्रति सम्मान और समझ विकसित करना, जिससे वे समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।
- समाज सेवा: नेतृत्व क्षमता, सामाजिक उत्तरदायित्व और सामुदायिक सेवा की भावना विकसित कर छात्रों को जिम्मेदार नागरिक बनाना।
- प्रौद्योगिकी का उपयोग: नवीनतम तकनीकी और डिजिटल संसाधनों के माध्यम से शिक्षा को अधिक प्रभावी और सुलभ बनाना।
इस प्रकार, EMRS स्कूलों का मिशन एक समग्र, समावेशी और प्रगतिशील शिक्षा प्रणाली प्रदान करना है, जो छात्रों को आत्मनिर्भर नागरिक और राष्ट्रनिर्माता बनने में सक्षम बनाए।